Friday 20 July 2012

GURU PADAMBUJ KALP SADHNA

आप सभी गुरुभाई/बहन के साथ मै अपनी साधनात्मक अनुभूति कहेना चाहती हू,
पहिले हमारे प्यारे सद्गुरुजी के साथ सेवा मे भाई ''योगेन्द्र निर्मोही'' जी रहेते थे,उन्होंने कुछ साधनात्मक रहस्य हमारे पापाजी से कही थी...........................
उसीमे इस साधना के भी बारे मे उन्होंने कुछ बाते बताई थी,और आज मै इस साधना के प्रति समर्पित ह,
येक दिन मेरी मन मे एह सवाल उठा क्या सद्गुरुजी से ३/०६/१९९८ के बाद कभी मेरी बात नहीं हो पायेगी,बहोत दिन तक मै यही सोचती रही,और ३-४ गुरुवार्तालाप कि साधनाए भी कि परन्तु कोई सफलता हाथ न आई,उस समय बहोत तडफ रही थी मै,सिर्फ एक छोटीसी बात करनी थी सद्गुरुदेवजी से कि ''मेरे प्यारे गुरुवार मै आपसे बहोत-बहोत प्रेम करती हू''रोज पूजा मै बैट कर रोटी थी उनके सामने ६ माह बित गये परन्तु आखोमे सिर्फ आसू ही थे,मेरी वह दशा देख मेरी माँ ने मुज़े पापाजी से बात करने के लिए कहा............
तब पापाजी ने समजाया अगर गुरूजी कि मर्जी हो तो आज भी उनसे बात हो सकती है और ''गुरु पादाम्बुज कल्प साधना'' बताई,और साधना समाप्ति के आखरी दिन जीवन मे पहली बार १९९८ के बाद गुरूजी ने मुज़े प्रत्यक्ष रूप मे दर्शन दिए और कहा ''क्या चाहती हो मुजसे'' उस समय मै उन्हें देख सिर्फ रो रही थी ''फिर गुरूजी ने कहा ''बेटा बस करो अब ६ माह से रो रही हो,अब तो थोडा हँसलो'',तब मैंने अपनी इच्छा गुरूजी को बताई ''हे गुरुवर आप मुज़े कोई भी आज्ञा दे,मै यही चाहती हू'' तब गुरूजी ने मुज़े आशीर्वाद देते हुये कहा,''ज्यो प्रेम कि भावना आज तुम्हरे दिल मे है वाही आखरी क्षण तक रखनी है'' और यह आज्ञा लेकर आज भी मै उनके ही चरनोमे समर्पित हू..................................
साधना विधि :-
यह साधना आप किसी भी गुरुवार से प्रारम्भ कर सकते है,और उस दिन पुष्प नक्षत्र हो तो अति शुभ.
साधना ब्रम्ह मुहूर्त मे ही करनी है,श्वेत वस्त्र होने चाहिये,सफ़ेद आसान,और दिशा उत्तर.
''ओम'' प्रणव बीज का ३ बार उच्च्यारण करे और यह भावना मन मन मे रखिये कि गुरूजी सिर्फ हमारे ह्रदय मे ही है और कही नहीं फिर गुरूजी का ध्यान कीजिये और उनसे दर्शन कि प्रार्थना करे......
सामने किसी स्टील कि प्लेट मे स्वास्तिक बनाये और उसपे गुरुपादुका स्थापित करे,पूर्ण गुरुपादुका पूजन भी कर लीजिए.और स्फटिक माला से निम्न मंत्र कि ५१ माला रोज १० दिन करनी है.............
मन्त्र :-
''ओम परम तत्वाय आत्म चैतन्ये नारायणाय गुरुभ्यो नम : ''
''om param tatway aatm chaitanye narayanay gurubhyo nam :''
jay sadgurudev................

2 comments:

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  2. आप का बहुत बहुत सुक्रिया दीदी जो आपने सबसे बड़ी साधना हमारे बिच राखी हे जिस के बारे में कहेना भी मूर्खता होगी

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