Monday 30 July 2012

रुक्मिणी वल्लभ प्रयोग



                   यह प्रयोग समस्त संसार को सम्मोहित करने वाली तथा विशेष रूप में पति या पत्नी को अपनी मनोकुल बनाने की लिए श्रेष्ट प्रयोग है.यदि घर में अशांति ,कलह ,लड़ाई -झगड़ें ,मतभेद हो,तो इस प्रयोग को अवश्य ही करनी चाहिये | इस प्रयोग से मनोवांछित पति या पत्नी प्राप्त हो जाती है .इच्छानुसार प्रेमी या प्रेमिका मिलती है या सम्बन्ध दृढ़ हो  जाती है .पूर्ण गृहस्थ सुख की प्राप्ति भी होती है.
    यह अद्वितीय प्रयोग है,जो कृष्णजन्माष्टमी की रात्री में या फिर ग्रहण की रात्रि में संपन्न करने से सिद्ध हो जाती है.


विधि :-


            कृष्णजन्माष्टमी की रात्री में या फिर ग्रहण की रात्रि में साधक स्नान कर पूर्वाभिमुख होकर बैठ जाये और हाथ में जल लेकर उस कार्य को स्पष्ट करे जिसके लिए यह प्रयोग संपन्न की जा रही है.इसके बाद मुंगे की माला से निम्न मन्त्र की ५१ माला मन्त्र जाप करने से यह प्रयोग पूर्ण हो जाती है और कुछ ही दिनों में उचित सफलता की प्राप्ति होती है.


मंत्र :-





              ||  ॐ नमो भगवते रूक्मिणी वल्लभाय नाम: ||





      प्रयोग समाप्त होने पर माला को नदी में प्रवाहित कर दे .इस प्रकार यह प्रयोग संपन्न करने पर साधक अपनी गृहस्थ जीवन में पूर्ण अनुकूलता एवं सफलता प्राप्ति कर सकता है.वास्तव में ही यह मन्त्र अपने आप में अद्वितीय है.

       

        ............................................जय निखिलेश्वर......................................


5 comments:

  1. thanks for this great prayog.
    aap kripya koi anubhut aur turant labh dene wali laxmi sadhna dijiye.

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  2. अति उत्तम विधान शलिनी जी,
    धन्यवाद !!

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  3. शलिनी जी,
    इस ब्लॉग के जरिये आप जो जन कल्याण की भावना से पोस्ट दे रही हैं ,
    वो अति प्रशंसनीय कार्य है !

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  4. thanks shalini behen I will do it.

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  5. shalini bahan ji...ratri ko lagbhag kitne baje tak sadhna start kar sakte hain...pls reply me soon..

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