जय सदगुरुदेव .................
आशा करती हु की आपकी दिवाली मंगलमयी ही हुयी हो,अभी तक आपने बहोत सी लक्ष्मी साधना ये की हुयी है परंतु
परिणाम तो कही ना कही उतनी ही मिली है जितनी आपकी आमदनी है या फिर बढ़ोतरी मिली है या थोड़ी बहुत कही से
अप्रत्यक्ष लाभ हुयी हो। अगर यही स्थिति रही लक्ष्मी जी की कृपा की तो आनेवाली समय
मे ये महेंगाइ नाम की ड़ायन हम साभिकों खा जायेगी॰ सभी सिद्धों ने एक बात कही है की
लक्ष्मी जी चंचला है और येसे लक्ष्मी की कृपा से जीवन जीने की कोई कला प्राप्ति
नहीं हो सकती है,जब स्थिर लक्ष्मी
जी की कृपा हो जायेगी तो सम्पूर्ण जीवन मे अंधकार दूर होकर जीवन मे गतिमान प्रकाश
होगी मतलब सारी सुख और समृद्धि की प्राप्ति होगी॰ येसे जीवन की प्राप्ति सारे दुखो को समाप्त कर देती
है।
भाग्योदय लक्ष्मी साधना अपने आप मे तीव्र गति से भाग्योदय प्राप्ति की
अनुभूतित साधना है,यह प्रयोग कार्तिक
माह की पंचमी तिथि से करनी है,इस दिवस को पांडव पंचमी,सौभाग्य पंचमी और भाग्योदय पंचमी भी कहेते है और यह प्रयोग
अचूक है,इस प्रयोग को
करनेसे घर की सारी धन की प्रति आनेवाली चिंताये समाप्त हो जाती है॰आश्चर्यजनक रूप से
व्यापार वृद्धि ,आर्थिक उन्नति ,प्रमोशन ,भाग्योदय
और लाभ प्राप्त होने लगती है॰ वास्तव मे ही यह प्रयोग आज की महेंगाइ मे कल्पवृक्ष की समान है ।
साधना विधि:-
यह साधना 18/11/2012 से 20/11/2012 इन तीन दीनों मे सम्पन्न करनी है,साधक रविवार की सुबह ब्रम्ह मुहूर्त मे
स्नान करके पीले वस्त्र धारण करके साधना मे बैठ जाये,सामने किसी बाजोठ पे पीले रंग की वस्त्र बिछाये और
महालक्ष्मी जी की कोई दिव्य-भव्य चित्र स्थापित करे,अब सामने भोजपत्र पे ऊपर दिये हुये भाग्योदय लक्ष्मी यन्त्र
की निर्माण अष्ठगंध से अनार की कलाम से कीजिये, यह यन्त्र अपनी दोनों हाथो मे पकड़कर लक्ष्मी-चैतन्य मंत्र 108 बार बोलिये और यन्त्र
किसी स्टील की बड़ी सी प्लेट मे स्थापित कीजिये,अब अनार की कलम से यंत्र की आजू-बाजू मे 108 बार ‘श्रीं’ अक्षर लिखनी है,अब इसी ‘श्रीं’ अक्षर की ऊपर हल्दी+केसर से रंगी हुयी चावल स्थापित करनी
है ताकि कोई
भी अक्षर हम देख ना सके सिर्फ यन्त्र ही दिखनी चाहिये,अब यंत्र की
मानसिक पद्धति से पूजन कीजिये,और सदगुरुजी से प्रार्थना कीजिये की
इस साधना मे आपको पूर्ण सफलता ही प्राप्त हो,अब यन्त्र पे एक गोमती चक्र स्थापित कीजिये।
यह पूर्ण विधि-विधान सिर्फ एक ही दिन करनी है,और तीसरे दिन इस गोमती चक्र को चाँदी की लॉकेट मे बनवाकर
लाल धागे मे एक वर्ष तक गले मे धारण करनी है ॰ और जो चावल आपने अक्षर पर चढ़ाये
हुये है इन्हे किसी भी रंग की पोटली मे बांधकर नदी या सरोवर पर ले जायिये ॰ नदी की
पानी मे उतरकर यह चावल आपको अपने सिर पे थोड़े-थोड़े करते हुये छिड़कने है परंतु चावल
पनि मे ही गिरने चाहिये इस बात की विशेष ध्यान रखनी है
॰
लक्ष्मी चैतन्य मंत्र
!! ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं चैतन्यम कुरु जाग्रय जाग्रय श्रीं
ह्रीं श्रीं ॐ फट !!
भाग्योदय लक्ष्मी साबर मंत्र:-
ॐ लिछमी कील महालछमी किलूं किलूं जगत संसार न किले तो वीर
विक्रमादित्य की आण ! ठं ठं ठं
इस मंत्र की 3 माला जाप 3 दिन तक करनी है,जब साधना पूर्ण हो जाए तब भोज़पत्र पे अंकित यंत्र को साधना कक्ष मे
या पूजा स्थान मे स्थापित कर दीजिये और यन्त्र के नीत्य दर्शन कीजिये.......
वास्तव मे ही यह प्रयोग
अपने आप मे अचूक और सौभाग्यप्रद है,आपकी अनुभूतिया आपको साधना समाप्ती होते ही 7 दिन की अंदर
ही आपको शेयर करनी है,हम सभी को आपके
भाग्योदय होने की इंतेजार है। यन्त्र जल्दी ही पोस्ट कर दुगी।
जय
निखिलेश्वर..........................................................................
Good Good.....aapki har sadhna hi nirali he
ReplyDeleteisme yantra kaha bana hai?
ReplyDeletethanks didi
ReplyDeleteBhehanji yantra kahan hai ???
ReplyDeleteShalini behanji kya aap bata sakti hain ki kua ye sadhana kisis aur din main kar sakte hain
ReplyDeleteDidi yantra???
ReplyDeleteaaj pahle din sadhna bina yantra ke kari hai....
ReplyDeleteisse koi laabh hoga?
aapne yantra nahi post kiya ....
ReplyDeletemaine aaj sadhna nahi ki bcz of yantra...
aapko thoda serious hona hoga is tarah ka group chalate hue...
its not time paas...
shaurabh mishra
lucknow
इस साधना हेतु अनिवार्य "भाग्योदय लक्ष्मी यन्त्र" आप यहांपर http://img855.imageshack.us/img855/2465/39645002.jpg क्लिक करके डाउनलोड कर सकते है .....
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