Saturday 3 November 2012

शाबर मंत्रो से कीजिये हनुमानजी को प्रसन्न




सर्वमनोकामनापूर्ति हेतु प्रयोग-



इस माह कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी (12 नवम्बर 2012) को हनुमान जयंती है..............
यह साधना हनुमान जयंती से प्रारम्भ करते हुये 10 दिन तक नीत्य हनुमान जी की पूजा-उपासना करते हुये सम्पन्न करनी है।इस साधना मे लाल मूंगा या रुद्राक्ष की माला प्रयोग मे जाप की लिये आवश्यक है , वस्त्र लाल हो तो अच्छी बात है नहीं तो आप ज्यो वस्त्र या आसन आपके पास है वही प्रयोग मे लीजिये। साधना काल मे चमेली के तेल की दीपक लगानी है , गुड और भुने हुये चने की भोग लगानी है , निम्न मंत्र की नित्य ११ मालाये जाप करनी है ॰
इस प्रयोग से साधक की सभी मनोकामनाये पूर्ण होती ही है ,यह मंत्र सर्वमनोकामनापूर्ति की लिये अचूक एवं प्रामाणिक मंत्र है................................

मंत्र

॥ ॐ नमो हनुमते भय भज्जनाय सुखं कुरु कुरु स्वाहा ॥

=================================================




कृपा प्राप्ति हेतु शाबर मंत्र


हनुमान जयंती की रात्री मे रामदरबार की तस्वीर स्थापित कीजिये और तस्वीर के समक्ष बैठकर पहिले उनकी पूजन कीजिये और नैवेद्य अर्पित कीजिये । तत्पश्चात निम्न मंत्र की २१ माला जाप रुद्राक्ष की मालासे २१ रात्रियों तक निरन्तर जारी रखे । इस प्रयोग से हनुमान जी की विशेष कृपा मिलती है और सभी प्रकार की समस्याये समाप्त हो जाती है।

मंत्र

 मा मुनगर बनर-कमर गासा नासे स्वाहा

=================================================




साक्षात दर्शन साधना

इस साधना से न केवल हनुमानजी की कृपा साथ मे दर्शन की प्राप्ति भी होती है। इस साधना की काल मे कुछ समस्याये भी साधक के सामने आती है, कई बार एकाग्रता नहीं बन पाती है तो कभी-कभी साधना भंग करने की लीये विभिन्न परिस्थितिया बन जाती है। इस साधना मे स्वयं की रक्षा हेतु सदगुरुजी से प्रार्थना तो करनी ही पड़ेगी क्यूकी यह येसी विचित्र साधना है समे बहोत सारी बाधाये,भूत,पिशाच आते जाते रहेती है चाहे यह हनुमानजी की साधना होकर भी ,यही साधना मे आश्चर्य की बात है
साधना विधि आसन लाल,माला रुद्राक्ष की,सामने रामदरबार जी की तस्वीर स्थापित करते हुये पंचोपचार पूजन या फिर मानसिक पूजन कीजिये। यह साधना हनुमान जयंती से प्रारम्भ करनी है,साधना की समय रात्रिकालिन होनी चाहिये,यह साधना ४१ दिन की है जिसमे ५१ माला मंत्र जाप रोज करनी है। सातवे दिन से ही आपको साधना की प्रभाव दिखने लग जाती है,साधना काल की दौरान ही साधक को हनुमान जी की सानिध्य प्राप्ति होनी की शुरवात हो जाती है,आज तक यह साधना कभी भी विफल नहीं हुयी है,हनुमानजी किसी भी रूप मे किसी भी अवस्था मे आकर साधक को उसकी इच्छा पूछते है और साधक ज्यो भी इच्छा कहेते है , वे उसकी पूर्ति शीघ्रता से करते ही है , साधना काल की दौरान अनुष्ठान मे सभी हनुमान साधना की नियम अति आवश्यक है॰

मंत्र-

॥ हे हनुमान की सूरत ! हाजिर हो ब-हक रामचंद्र जी महाराज ॥

=================================================

इन तीन साधना मे से अगर जीवन की व्यस्तता की कारण आप कोई भी साधना नहीं कर पाये तो इस दिन साधना प्रारम्भ करने की संकल्प ले लीजिये और आपकी समय की अनुसार साधना प्रारम्भ कर दीजिये ।
इस दिन से आप लगातार ५४ दिन तक बजरंग बाण की एक और श्री राम स्तुति की एक पाठ तो कम-से-कम नीत्य कीजिये आपको कई लाभ की प्राप्तिया आपकी जीवन मे देखने मिलेगी॰
साधना मे आप ज्यो भी मालाये इस्तेमाल करेगे वह माला साधना समाप्ती की पश्चात हनुमान मंदिर मे अर्पित कर दीजिये और अपनी सुख-सुविधा प्राप्ति की कामना कीजिये,और नैवेद्य चढाएगे वह स्वयं ही ग्रहन करनी है॰



जय निखिलेश्वर.....................................................................

No comments:

Post a Comment