Thursday 15 November 2012

स्वर्णाकर्षण भैरव साधना




अभी अभी दिवाली संपन्न हुयी है और आशा करती हु की आप सभी की दिवाली सदगुरु जी  की कृपा से खुशहाली ही लायेगी , यह तो प्रेम है माँ भागवातीजी का की आपके जीवन में ख़ुशी ओ की कोई कमी ना हो।आज की यह प्रयोग बहुत ही प्यारी है,इस प्रयोग को स्वर्नाकर्षण भैरव कहेते है।ज्यो धन प्राप्ति की लिए अचूक है और प्रभावी भी। सिर्फ अगर आप इस प्रयोग की विधि सही समय पे करेगे तो निच्छ्य  ही आपकी सारी आर्थिक समस्याये समाप्त हो जायेगी . मै पूर्ण विश्वास के साथ कहेती हु की एक बार यह प्रयोग आप संपन्न कर लीजिये और साडी परेशानिया भूला दीजिये। इस रविवार की रात्रि में यह प्रयोग करनी ही है,क्युकी इस दिन सौभाग्य पंचमी है और दूसरी बात कार्तिक माह में यह साधना कुछ ज्यादा ही सफलता देती है।
यह साधना दक्षिण दिशा की और मुख करके करनी है,माला आप रुद्राक्ष या काली हकिक की ले सकते है,आसन पीले रंग की हो,इस मन्त्र की 11 माला मंत्र जाप रात्रि में 10 बजे के बाद करनी है।सबसे पाहिले गुरुपूजन कीजिये और गुरुमंत्र की 5 माला जाप आवश्यक है। मन्त्र जाप समाप्ति के बाद उसी रात्रि में माला किसी निर्जन स्थान में जमींन में गाड दीजिये, और बिना पीछे मुड़े घर पे वापस आजायिये।ऐसा करने पर निच्यय ही साधक के घर से परेशानिया दूर भाग जाती है और सम्पन्नता आने लगती है .



आवाहन :-


आगच्छेह महादेव। सर्वसम्पत्प्रदायक।।
यावाज्जपम समाप्येत तावत त्वम् सन्निधौ भव।।
श्री   स्वर्णाकर्षण  भैरवाय नम: आवाहयामि आवाहयामि नम:





मन्त्र :-



     ॐ ऐम क्लीं क्लीं क्लूम ह्रां ह्रीं हं स: वं आपदुद्धारनाय अजामलबद्धाय लोकेश्वराय स्वर्णाकर्षण  भैरवाय मम दारिद्र्य विद्वेषणाय ॐ ह्रीं महाभैरवाय नम:।। 





साधना

जय निखिलेश्वर ................................................................................................

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